तृणस्पर्श
From जैनकोष
मुनि-चर्या के बाईस परीषहों में एक परीषह । इसमें मुनि सूखे कठोर तृण आदि से उत्पन्न वेदना को सहन करते हैं । महापुराण 36.123
मुनि-चर्या के बाईस परीषहों में एक परीषह । इसमें मुनि सूखे कठोर तृण आदि से उत्पन्न वेदना को सहन करते हैं । महापुराण 36.123