धर्मास्तिकाय
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें धर्माधर्म ।
पुराणकोष से
पंचास्तिकायों में जीवों एवं पुद्गलों की गति में सहायक एक द्रव्य । यह अमूर्त, नित्य और निष्क्रिय होता है । अलोकाकाश में इस द्रव्य का अभाव है । यही कारण है कि वहाँ जीव नहीं पाये जाते हैं । हरिवंशपुराण - 4.2-3 वीरवर्द्धमान चरित्र 16.129