प्रीतिंकरा
From जैनकोष
गांधार देश में विंध्यपुर नगर के निवासी वणिक् सुदत्त की भार्या । इसी नगरी के राजकुमार नलिनकेतु ने कामासक्त होकर इसका अपहरण किया था जिससे उसका पति विरक्त होकर दीक्षित हो गया । इसे भी विरक्ति हुई और इसने आर्यिका सुव्रता से दीक्षा ले ली । मरकर यह ऐशान स्वर्ग में देवी हुई । महापुराण 63.99-100