मनुजोदय
From जैनकोष
रत्नद्वीप का एक पर्वत । गगनवल्लभनगर का स्वामी गरुडवेग अपने राज्य से यहाँ भाग आया था और रमणीय नामक नगर बसाकर रहने लगा था । महापुराण 75.301-303
रत्नद्वीप का एक पर्वत । गगनवल्लभनगर का स्वामी गरुडवेग अपने राज्य से यहाँ भाग आया था और रमणीय नामक नगर बसाकर रहने लगा था । महापुराण 75.301-303