माहन
From जैनकोष
वृषभदेव द्वारा दिया गया ब्राह्मणों का एक नाम । इनके विषय में भगवान वृषभदेव के समवसरण में मतिसमुद्र द्वारा श्रुत वचन को ज्ञातकर चक्रवर्ती भरतेश इन्हें मारने को उद्यत हुए ही थे कि वे भयभीत हो वृषभदेव की शरण में गये । वृषभदेव ने ‘‘मा-हन’’ अर्थात् इनका खान मत करो कहकर इनकी रक्षा की थी । तब से ब्राह्मण ‘‘माहन’’ कहलाने लगे । पद्मपुराण 4.121-122