सुमित्रदत्त
From जैनकोष
पदमखंडनगर का एक वणिक्। लौटने पर श्रीभूति ने इसे ठगना चाहा किंतु प्रार्थना करने पर रानी रामदत्ता ने युक्तिपूर्वक इसके रत्न इसे दिलवा दिये थे। यह रानी का पुत्र होने का निदान बाँधकर मरा था जिसके यह रानी रामदत्ता का सिंहचंद्र नाम का पुत्र हुआ। हरिवंशपुराण 27.20-46, 64 देखें श्रीभूति