कुडइ
From जैनकोष
ध.१४/५,६,४२/४२/२ जिणहरधरायदणाणं ठविदओलित्तीओ कुड्डा णाम।=जिनगृह, घर और अवन की जो भींत बनायी जाती हैं, उन्हें कुड्ड कहते हैं।
ध.१४/५,६,४२/४२/२ जिणहरधरायदणाणं ठविदओलित्तीओ कुड्डा णाम।=जिनगृह, घर और अवन की जो भींत बनायी जाती हैं, उन्हें कुड्ड कहते हैं।