गड्डी
From जैनकोष
ध.१४/५,६,४१/३८/१० दहरदोचक्काओ धण्णादिलहुअ दव्वभरुव्वहणक्खमाओ गड्डीओ णाम।=जिनके दो चक्के होते हैं, और जो धान्यादि हलके भार के ढोने में समर्थ हैं वे गड्डी कहलाती हैं।
ध.१४/५,६,४१/३८/१० दहरदोचक्काओ धण्णादिलहुअ दव्वभरुव्वहणक्खमाओ गड्डीओ णाम।=जिनके दो चक्के होते हैं, और जो धान्यादि हलके भार के ढोने में समर्थ हैं वे गड्डी कहलाती हैं।