गण
From जैनकोष
स.सि./९/२४/४४२/९ गण: स्थविरसंतति:।=स्थविरों की सन्तति को गण कहते हैं। (रा.वा./९/२४/८/६२३/२०); (चा.सा./१५१/३) ध.१३/५,४,२६/६३/८ तिपुरिसओ गणो।=तीन पुरुषों के समुदाय को गण कहते हैं।
२. निज परगणानुपस्थापना प्रायश्चित्त—देखें - परिहार प्रायश्चित्त।