कर्तृ नय
From जैनकोष
प्रवचनसार/तत्व प्रदीपिका/परिशिष्ठ/नय नं..... कर्तृनयेन रञ्जकवद्रागादिपरिणामकर्तृ।३८। अकर्तृनयेन स्वकर्मप्रवृत्तरञ्जकाध्यक्षवत्केवलमेव साक्षि।३९। ...=<span class="HindiText".....३८. कर्तृनय से रंगरेज की भांति रागादि परिणामों का कर्ता है। ३९. अकर्तृनय से केवल साक्षी ही है, अपने कार्य में प्रवृत्त रंगरेज को देखने वाले पुरुष की भांति। .....
देखें नय - I.5.4।