कालनय
From जैनकोष
प्रवचनसार/तत्व प्रदीपिका/परिशिष्ठ/नय नं. कालनयेन निदाघदिवसानुसारिपच्यमानसहकारफलवत्समयायत्तसिद्धि:।३०।=३०. कालनय से जिसकी सिद्धि समय पर आधार रखती है ऐसा है, गर्मी के दिनों के अनुसार पकने वाले आम्र फल की भांति।
देखें नय - I.5।