कुरु
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
पुराणकोष से
(1) एक देश । वृषभदेव की विहारभूमि (मेरठ का पार्श्ववर्ती प्रदेश) । महापुराण 16.152, 25.287, 29.40, हरिवंशपुराण 9.44
(2) वृषभदेव द्वारा स्थापित एक देश । सोमप्रभ इसका प्रमुख राजा था । कौरव इसी वंश में हुए थे । महापुराण 16.258, हरिवंशपुराण 13. 19, 33, पांडवपुराण 2.164-165, 7.74-75,
(3) कुरु देश के स्वामी राजा । ये कठोर शासन तथा न्याय-पालक थे । हरिवंशपुराण 9.44
(4) कुरुवंशी राजा सोमप्रभ का पौत्र और जयकुमार का पुत्र । इसका नाम भी कुरु ही था । हरिवंशपुराण 45-9
(5) एक दानी नृप । इसके वंश में चंद्रचिह्न (शशांकांक) और शूरसेन आदि अनेक राजा हुए । हरिवंशपुराण 45.19, पांडवपुराण 6.3
(5) विदेह क्षेत्र की उत्तर तथा दक्षिण दिशा में स्थित उत्तरकुरु एवं देवकुरु प्रदेश । पद्मपुराण 3. 37