कुर्यधर
From जैनकोष
दुर्योधन का भानजा । पांडवों को ध्यान-मुद्रा में देखकर इसे अपने मामा के वध का स्मरण हो आया । उस वध का बदला लेने के ध्येय से इसने पांडवों को अग्नि में तप्त लोहे के आभूषण पहिनाए थे । पांडवपुराण 52.57-65 में इसे कुर्यवर कहा गया है । महापुराण 72.268-270