चंद्र
From जैनकोष
- अपर विदेहस्थ देवमाल वक्षार का एक कूट व उसका रक्षक देव;–( देखें - लोक / ५ / १० )।
- सुमेरु पर्वत के नन्दन आदि वनों के उत्तर भाग में स्थित कुबेर का भवन व गुफा– देखें - लोक / ३ / ६४ ;
- रुचक पर्वत का एक कूट– देखें - लोक / ५ / १३ ;
- सौधर्म स्वर्ग का २रा व ३रा पटल– देखें - स्वर्ग / ५ / ३ ;
- दक्षिण अरुणवरद्वीप का रक्षक व्यन्तर देव– देखें - व्यन्तर / ४ ;
- एक ग्रह–देखें - ग्रह।
- चन्द्रग्रह सम्बन्धी विषय— देखें - ज्योतिष देव / ४ ।