असंप्राप्तसृपाटिका
From जैनकोष
देखें संहनन
1. संहनन का एक भेद ।
2. जिसमें भीतर हड्डियों का परस्पर बंध न हो मात्र बाहिर से वे सिरा स्नायु मांस आदि लपेट कर संघटित की गयी हों वह असंप्राप्तसृपाटिका संहनन है। ( धवला 13/5,5,109/369/11 )।
देखें संहनन
1. संहनन का एक भेद ।
2. जिसमें भीतर हड्डियों का परस्पर बंध न हो मात्र बाहिर से वे सिरा स्नायु मांस आदि लपेट कर संघटित की गयी हों वह असंप्राप्तसृपाटिका संहनन है। ( धवला 13/5,5,109/369/11 )।