न्यासापहार
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि/7/26/366/10 हिरण्यादेर्द्रव्यस्य निक्षेप्तुर्विस्मृतसंख्यस्याल्पसंख्येयमाददानस्यैवमित्यनुज्ञावचनं न्यासापहार:। =धरोहर में चाँदी आदि को रखने वाला कोई उसकी संख्या भूलकर यदि उसे कमती देने लगा तो ‘ठीक है’ इस प्रकार स्वीकार करना न्यासापहार है। ( राजवार्तिक/7/26/4/553/33 ) (इसमें मायाचारी का दोष भी है) देखें माया - 2।