औषधि ऋद्धि
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
राजवार्तिक अध्याय संख्या ३/३६/३/२०३/२४
औषधर्द्धिरष्टविधा-असाध्यानामप्यामयानां सर्वेषां विनिवृत्तिहेतुरामर्शक्ष्वेलजल्लमलविट्सर्वौषधिप्राप्तास्याविषदृष्टिविषविकल्पात्।
= असाध्य भी सर्व रोगों की निवृत्ति की हेतुभूत औषध-ऋद्धि आठ प्रकार की है - आमर्ष, क्ष्वेल, जल्ल, मल, विट्, सर्व, आस्याविष और दृष्टिविष।
देखें ऋद्धि - 7।
पुराणकोष से
तप से प्राप्त एक ऋद्धि । यह अनेक प्रकार को होती है । बाहुबली को उनके घोर तप से यह ऋद्धि प्राप्त हुई थी । महापुराण 36.153