आक्षेपिणी कथा
From जैनकोष
अनगारधर्मामृत/7/88/716
आक्षेपणीं स्वमतसंग्रहणीं समेक्षी,...।
=जिसके द्वारा अपने मत का संग्रह अर्थात् अनेकांत सिद्धांत का यथायोग्य समर्थन हो उसको आक्षेपणी कथा कहते हैं।
देखें कथा ।
अनगारधर्मामृत/7/88/716
आक्षेपणीं स्वमतसंग्रहणीं समेक्षी,...।
=जिसके द्वारा अपने मत का संग्रह अर्थात् अनेकांत सिद्धांत का यथायोग्य समर्थन हो उसको आक्षेपणी कथा कहते हैं।
देखें कथा ।