अरति
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
अरति कषाय द्वेष है - देखें कषाय - 4।
पुराणकोष से
(1) इस नाम का एक परीषह― रागद्वेष के कारणों के उपस्थित होने पर भी किसी से राग-द्वेष नहीं करना । महापुराण 36.118
(2) सत्यप्रवाद नामक छठे पूर्व में वर्णित बारह प्रकार की भाषाओं में द्वेष उत्पन्न करने वाली एक भाषा । हरिवंशपुराण 10.91-94