प्रविचार
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि/4/7-9/241-242/3 प्रविचारो मैथुनोपसेवनम् ।7।241। प्रविचारो हि वेदनाप्रतिकारः ।9।242। = मैथुन के उपसेवन को प्रविचार कहते हैं ।7।241। प्रविचार वेदना का प्रतिकार मात्र है । (राजवार्तिक/4/7/1/214/16), (राजवार्तिक/4/9/2/215/32), (धवला 1/1,1,98/338-339/6,4) ।