ढढ्डा
From जैनकोष
चित्रकूट (चित्तौड़गढ़) के निवासी एक पण्डित थे। श्रीपला के पुत्र तथा प्राग्वाट (पोरवाड या परवार) जातीय वैश्य थे। आपने दिगम्बर पंचसंग्रह के आधार पर एक संस्कृत पंचसंग्रह नामक ग्रन्थ लिखा है। समय–वि०श०१७। (पं.सं.प्र.४१/A. N. up) वि.श.११ पूर्वार्ध (जै./१/३७५)।