निरन्वय
From जैनकोष
(न्यायविनिश्चय/वृ./2/91/118/24)
निरन्वयम् अंवयांनिष्कांतं तत्त्वं स्वरूपम् ।=अन्वय अर्थात् अनुगमन या संगति से निष्क्रांत तत्त्व या स्वरूप।
(न्यायविनिश्चय/वृ./2/91/118/24)
निरन्वयम् अंवयांनिष्कांतं तत्त्वं स्वरूपम् ।=अन्वय अर्थात् अनुगमन या संगति से निष्क्रांत तत्त्व या स्वरूप।