तोरणाचार्य
From जैनकोष
राष्ट्रकूटवंशी राजा गोविन्द तृ०के समय के अर्थात् शक सं०७२४ व ७१९ के दो ताम्रपत्र उपलब्ध हुए हैं। उनके अनुसार आप कुन्दकुन्दान्वय में से थे। और पुष्पनन्दि के गुरु तथा प्रभाचन्द्र के दादा गुरु थे। तदनुसार आपका समय श०सं०६०० (ई०६७८) के लगभग आता है। (ष.प्रा./प्र.४-५ प्रेमीजी) (स.सा./प्र.K.B.Pathak) (जै./२/११३)।