बीजसम्यक्त्व
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें सम्यग्दर्शन I.1.1 ।
पुराणकोष से
सम्यग्दर्शन के दस भेदों में पाँचवाँ भेद, अपरनाम बीजसम्यक्त्व । इससे बीजपदों को ग्रहण करने और उनके सूक्ष्म अर्थ को सुनने से भव्यजीवों की तत्त्वार्थ में रुचि उत्पन्न होती है । महापुराण 74. 439-440, 444, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.147