दर्शनपाहुड़
From जैनकोष
आ०कुन्दकुन्द (ई०१२७-१७९) कृत सम्यग्दर्शन विषयक ३६ प्राकृत गाथाओं में निबद्ध ग्रन्थ है। इस पर आ०श्रुतसागर (ई०१४८१-१४९९) कृत संस्कृत टीका और पं०जयचन्द छाबड़ा (ई०१८००) कृत भाषा वचनिका उपलब्ध है। (ती./२/११४)।
आ०कुन्दकुन्द (ई०१२७-१७९) कृत सम्यग्दर्शन विषयक ३६ प्राकृत गाथाओं में निबद्ध ग्रन्थ है। इस पर आ०श्रुतसागर (ई०१४८१-१४९९) कृत संस्कृत टीका और पं०जयचन्द छाबड़ा (ई०१८००) कृत भाषा वचनिका उपलब्ध है। (ती./२/११४)।