देशभूषण
From जैनकोष
प.पु./३९/श्लोकवंशधर पर्वत पर ध्यानारूढ थे (३३)। पूर्व वैर से अग्निप्रभ नाम देव ने घोर उपसर्ग किया (१५), जो कि वनवासी राम के आने पर दूर हुआ (७३)। तदनन्तर इनको केवलज्ञान हो गया (७५)।
प.पु./३९/श्लोकवंशधर पर्वत पर ध्यानारूढ थे (३३)। पूर्व वैर से अग्निप्रभ नाम देव ने घोर उपसर्ग किया (१५), जो कि वनवासी राम के आने पर दूर हुआ (७३)। तदनन्तर इनको केवलज्ञान हो गया (७५)।