सूना
From जैनकोष
मूलाचार/926 कंडणी पीसणी चुल्ली उदकुंभं पमज्जणी। = ओखली, चक्की, चूलि, जल रखने का स्थान, बुहारी ये पाँच सूना दोष कहलाते हैं। ( अनगारधर्मामृत/4/125 )।
मूलाचार/926 कंडणी पीसणी चुल्ली उदकुंभं पमज्जणी। = ओखली, चक्की, चूलि, जल रखने का स्थान, बुहारी ये पाँच सूना दोष कहलाते हैं। ( अनगारधर्मामृत/4/125 )।