अद्गु
From जैनकोष
तीर्थंकर अजितनाथ के काल में हुए सगर चक्रवर्ती के साठ हजार पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र । किसी समय यह और इसके सभी भाई कैलाश पर्वत पर आठ पाद-स्थान बनाकर दंडरत्न से भूमि खोद रहे थे । इससे कुपित होकर नागराज ने इन्हें भस्म कर दिया था । हरिवंशपुराण 13.26-29