परावर्तन
From जैनकोष
जीव का संसार में भ्रमण । यह भ्रमण द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव और भाव के भेद से पाँच प्रकार का होता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 26-32
जीव का संसार में भ्रमण । यह भ्रमण द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव और भाव के भेद से पाँच प्रकार का होता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 26-32