चित्रकूट
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- पूर्व विदेह का एक वक्षार पर्वत तथा उसका स्वामी देव–देखें लोक - 5.3।
- विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें विद्याधर ।
- वर्तमान का ‘चित्तौड़गढ़ नगर’ (पं.सं./प्र.41/A.N. Up तथा H.L.Jain.)
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी के पचास नगरों में एक नगर । महापुराण 19.51, 53, 63.202
(2) पूर्व विदेह का एक वक्षारगिरि । यह नील पर्वत और सीता नदी के मध्य में स्थित है । महापुराण 63. 202, हरिवंशपुराण 5.228
(3) वाराणसी का एक सुंदर उद्यान-पर्वत । राम-लक्ष्मण और सीता यहाँ चार मास पंद्रह दिन रहे थे । महापुराण 68.126, पद्मपुराण 33.40