अंगुल
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
क्षेत्र प्रमाण का एक भेद - देखें गणित - I.1.3।
पुराणकोष से
आठ जौ प्रमित एक माप । यह शारीरिक अंगों और छोटी वस्तुओं की माप लेने में प्रयुक्त होता है । अपने-अपने समय में मनुष्यों का अंगुल स्वांगुल माना गया है । छ: अंगुल का एक पाद और दो पादों की एक वितस्ति तथा दो वितस्तियों का एक हाथ होता है । महापुराण 10.94, हरिवंशपुराण 7.40-41, 44-45