नोकर्म
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
कर्म के उदयसे होने वाला औदारिक शरीर आदिरूप पुद्गलपरिणाम जो आत्मा के सुख-दुःखमें सहायक होता है वो नोकर्म कहलाता है। अधिक जानकारी के लिए देखें कर्म - 2.2।
पुराणकोष से
कर्म के उदय से होने वाला शरीररूप पुद्गल परिणाम । यह परिणाम तीन प्रकार का होता है― औदारिक, वैक्रियिक और आहारक । महापुराण 42. 91