अनुपात
From जैनकोष
राजवार्तिक अध्याय 1/11,6/52/24 अनुपात्तं प्रकाशोपदेशादिपरः।
= अनुपात उपदेशादि `पर' है।
राजवार्तिक अध्याय 9/7,1/600/8 अनुपात्तानि परमाण्वादीनि। कर्मनोकर्मभावेन आत्मनागृहीतानि।
= अनुपात द्रव्य वे परमाणु आदि हैं जो आत्मा के द्वारा कर्म व नोकर्म रूप से ग्रहण किये जाने योग्य नहीं है।
धवला पुस्तक 12/4,2,7/220/196/9 कोऽनुपातः। त्रैराशिकम्।
= प्रश्न - अनुपात किसे कहते हैं।
उत्तर - त्रैराशिक को अनुपात कहते हैं। 2. ( जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो / प्रस्तावना 127) Proportion.