अष्ट प्रवचन माता
From जैनकोष
आठ प्रवचन माता से आठ भेद चारित्र के होते हैं - परिणाम के संयोग से पाँच समिति, तीन गुप्तियों में न्यायरूप प्रवृत्ति वह आठ भेद वाला चारित्राचार है ऐसा जानना ।297।
इन्हें माता कहने का कारण :
ये अष्ट प्रवचनमाता मुनि के ज्ञान, दर्शन और चारित्र की सदा ऐसे रक्षा करती हैं जैसे कि पुत्र का हित करने में सावधान माता अपायों से उसको बचाती है ।
मोक्षमार्ग में अष्ट प्रवचन माता का ज्ञान ही पर्याप्त है।
देखें प्रवचन ।