विजयार्धकुमार
From जैनकोष
(1) जंबूद्वीप भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत का पाँचवाँ कूट । हरिवंशपुराण 5. 27
(2) ऐरावतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत का पाँचवाँ कूट । हरिवंशपुराण 5.111
(3) विजयार्ध पर्वत का अधिष्ठाता देव । इसने झारी, कलशजल, सिंहासन, छत्र और चमर भेंट करते हुए चक्रवर्ती भरतेश की अधीनता स्वीकार की थी । महापुराण 37.155, हरिवंशपुराण 11. 18-20