उन्मग्ना
From जैनकोष
तिलोयपण्णत्ति अधिकार 4/238
णियजलपवाहपडिदं दव्वं गरुवं णेदि उवरिम्मि। जम्हा तम्हा भण्णइ उम्मग्गा वाहिणी एसा।
= क्योंकि, यह अपने जलप्रवाह में गिरे हुए भारी से भारी द्रव्य को भी ऊपर ले आती है। इसलिए यह नदी उन्मग्ना कही जाती है।
(राजवार्तिक अध्याय 3/10/4/171/33); ( त्रिलोकसार गाथा 594)
• उन्मग्ना नदी का लोक में अवस्थान आदि-देखें लोक - 3.7
विजयार्ध की गुफाओं में स्थित नदी। देखें लोक - 3.5। पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ