कालानुयोग 09
From जैनकोष
- अष्टकर्म के चतु:उदीरणा संबंधी ओघ आदेश प्ररूपणा
नं. |
विषय |
नानाजीवापेक्षया |
एकजीवापेक्षया |
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विषय |
पद विशेष |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
1 |
प्रकृति |
जघन्य उत्कृष्ट पद |
धवला 15/47 |
धवला 15/73 |
धवला 15/44 |
धवला 15/61 |
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भुजगारादि |
धवला 15/52 |
धवला 15/97 |
धवला 15/51 |
धवला 15/87 |
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हानि-वृद्धि |
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धवला 15/97 |
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धवला 15/97 |
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भंगापेक्षा जघन्य उत्कृष्ट पद |
धवला 15/50 |
धवला 15/85 |
धवला 15/49 |
धवला 15/83 |
2 |
स्थिति |
जघन्य उत्कृष्ट पद |
धवला 15/141 |
धवला 15/141 |
धवला 15/119-130 |
धवला 15/119-130 |
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भुजगारादि |
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धवला 15/157-161 |
धवला 15/157-161 |
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हानि-वृद्धि |
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भंगापेक्षा जघन्य उत्कृष्ट पद |
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धवला 15/205-208 |
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धवला 15/190-199 |
3 |
अनुभाग |
जघन्य उत्कृष्ट पद |
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धवला 15/235 |
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धवला 15/232-233 |
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भुजगारादि |
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हानि-वृद्धि |
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भंगापेक्षा जघन्य उत्कृष्ट पद |
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धवला 15/261 |
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धवला 15/261 |
4 |
प्रदेश |
जघन्य उत्कृष्ट पद |
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धवला 15/261 |
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धवला 15/261 |
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भुजगारादि |
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धवला 15/273-274 |
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हानि-वृद्धि |
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भंगापेक्षा जघन्य उत्कृष्ट पद |
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