सुवर्णप्रभ
From जैनकोष
सौमनस वन का उत्तरदिशावर्ती भवन । यहाँ कुबेर सपरिवार क्रीडा करता है । यह पंद्रह योजन चौड़ा, पच्चीस योजन ऊँचा तथा पैतालीस योजन की परिधि वाला है । चारों दिशाओं के भवन इसी प्रकार है । हरिवंशपुराण 5.315-321
सौमनस वन का उत्तरदिशावर्ती भवन । यहाँ कुबेर सपरिवार क्रीडा करता है । यह पंद्रह योजन चौड़ा, पच्चीस योजन ऊँचा तथा पैतालीस योजन की परिधि वाला है । चारों दिशाओं के भवन इसी प्रकार है । हरिवंशपुराण 5.315-321