असिपत्र
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
1. असुरकुमार जातीय भवनवासी देवों का एक भेद। देखें असुर ।
2. नरक में पाये जाने वाले वृक्ष विशेष - देखें नरक - 2।
(परस्पर के दुःख)।
पुराणकोष से
खड़ग की धार के समान पैने पत्तों वाले नारकीय वन । नारकीय जीव गर्मी के दुःख से पीड़ित होकर छाया प्राप्ति के इच्छा से जैसे ही इन वनों में पहुंचते हैं यहाँ के वृक्षों से गिरते हुए पत्र उनके शरीर को छिन्न-भिन्न कर देते हैं । महापुराण 10.56-57, 69, पद्मपुराण 26.80, 86, 105.122-123, 123. 14, वीरवर्द्धमान चरित्र 3. 136-137