आर्त्तध्यान परिणाम
From जैनकोष
आर्त्तध्यान का फल
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 9/29
यह संसार का कारण है।
राजवार्तिक अध्याय 9/33/1/629
तिर्यग्भवगमनपर्यवसानम्।
= इस आर्त्तध्यान का फल तिर्यंच गति है।
( हरिवंश पुराण सर्ग 56/18), ( चारित्रसार पृष्ठ 169/4)
ज्ञानार्णव अधिकार 25/42
अनंतदुःखसकीर्णस्य तिर्यग्गतैः, फलं...॥42॥
= आर्त्तध्यान का फल अनंत दुखों से व्याप्त तिर्यंच गति है।
आर्त्तध्यान के लिए देखें आर्त्तध्यान ।