चारुरत्न
From जैनकोष
सुंद का पुत्र । इसने इंद्रजित् के पुत्र वज्रमाली को सेना सहित साथ लेकर लक्ष्मण के मरण से शोकाकुल राम की नगरी अयोध्या पर आक्रमण किया था । इसमें कृतांतवक्त्र और जटायु के जीवों ने जो देव हो गये थे राम की सहायता की जिससे इसे भागना पड़ा । इसे अपने ऐश्वर्य से विरक्ति हो गयी और अंत में वज्रमाली के साथ रतिवेग नामक मुनि से इसने दीक्षा ले ली । पद्मपुराण 118.23, 28-34, 50. 63, 66-67