जंबूस्वामी चरित्र
From जैनकोष
पं.राजमल्ल (ई.1575-1593) द्वारा रचित संस्कृत काव्य। 2400 पद 13 सर्ग। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/79)।
पं.राजमल्ल (ई.1575-1593) द्वारा रचित संस्कृत काव्य। 2400 पद 13 सर्ग। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/79)।