पेय
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
अनगारधर्मामृत/7/3 जलादिकम् पेयं। = जल, दुग्धादि पदार्थ पेय कहे जाते हैं। ( लाटी संहिता/2/17 )।
पुराणकोष से
आहार योग्य पदार्थों के पांच भेदों में (भक्ष्य, भोज्य, पेय, लेह्य और चूष्य) एक भेद । शीतल, जल, मिश्रित जल और मद्य के भेद से यह तीन प्रकार का होता है । पद्मपुराण 24.53-54