प्रीति
From जैनकोष
(1) प्रीतिकूट नगर के राजा प्रीतिकांत और उसकी रानी प्रीतिमती की पुत्री । यह सुमाली की भार्या और रत्नश्रया की जननी थी । पद्मपुराण 6.566, 7.133
(2) रावण की रानी । पद्मपुराण 77.9-15
(3) समवसरण की एक वापिका । इसकी पूजा से प्रीति मिलती है । हरिवंशपुराण 57.36