आशालिका
From जैनकोष
मायामय प्राकार की निर्मात्री एक विद्या । रावण ने उपरंभा से यह विद्या प्राप्त करके नलकूबर को जीता था । इसी विद्या के द्वारा रावण ने लंका के चारों ओर मायामयी कोट का निर्माण कराया था जिसका हनुमान ने भंग किया था । पद्मपुराण - 12.137-145 52.15-22