जिह्वक
From जैनकोष
वंशा नामक दूसरी पृथिवी के आठवें प्रस्तार से संबंधित आठवां इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ सोलह और विदिशा में एक सौ बारह श्रेणिबद्ध बिल होते हैं । अपरनाम जिह्विक । हरिवंशपुराण 4.78,112
वंशा नामक दूसरी पृथिवी के आठवें प्रस्तार से संबंधित आठवां इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ सोलह और विदिशा में एक सौ बारह श्रेणिबद्ध बिल होते हैं । अपरनाम जिह्विक । हरिवंशपुराण 4.78,112