ज्वलनवेग
From जैनकोष
विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के किन्नरोद्गति नगर का राजा अर्चिमाली और उसकी रानी प्रभावती का पुत्र । पिता ने इसे राज्य देकर दीक्षा ले ली थी । इसकी रानी का नाम विमला और पुत्र का नाम अंगारक था । इसने भी अपने भाई अशनिवेग को राज्य देकर दीक्षा ले ली थी । हरिवंशपुराण 19.80-84