नलिनकेतुक
From जैनकोष
जंबूद्वीप के ऐरावत क्षेत्र में गांधार देश के विंध्यपुर नगर के राजा विंध्यसेन और उनकी रानी सुलक्षणा का पुत्र । अपने नगर के एक वणिक् धनमित्र के पुत्र सुदत्त की स्त्री प्रीतिंकरा का इसने अपहरण किया । एक दिन उल्कापात देखने से इसे आत्मज्ञान हुआ । विरक्त होकर अपने दुश्चरित्र की निंदा करते हुए सीमंकर मुनि के पास इसने दीक्षा ले ली तथा उग्र तप से क्रम-क्रम से केवलज्ञान प्राप्त करके मोक्ष-काम किया । महापुराण 63.99-104