पुरंदर
From जैनकोष
(1) मंदरकुंजनगर के राजा मेरुकांत और उसकी भार्या श्रीरंभा का पुत्र । यह रथनूपुर नगर के राजा अशनिवेग की पौत्री श्रीमाला के स्वयंवर में आया था । पद्मपुराण -6. 359,408-409
(2) विनीता नगरी के राजा सुरेंद्रमंयु और उसकी रानी कीर्तिसभा का द्वितीय पुत्र, वज्रबाहु का सहोदर । इसकी भार्या का नाम पृथिवीमती था । यह संसार से विरक्त हो गया था और अपने पुत्र कीर्तिधर को राज्य देकर क्षेमंकर मुनि से दीक्षित हो गया था । पद्मपुराण - 21.73-77,पद्मपुराण - 21.140-143
(3) शक्र (इंद्र) । महापुराण 16.177, हरिवंशपुराण 2.29
(4) जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण 52.29-40