महामंडलिक
From जैनकोष
चार हजार छोटे-छोटे राजाओं का अधिपति । यह दंडवर (प्रजा को दंड देने वाले) होता था । वृषभदेव ने अपने समय में हरि, अकंपन, काश्यप और सौमप्रभ को उनका राज्याभिषेक कर महामंडलिक नृप बनाया था । इसके ऊपर केवल दो चमर ढोरे जाते हैं । महापुराण 16.255-257